इस त्योहारी सीजन में ई-कॉमर्स कारोबार से 90,000 करोड़ रुपये का व्यापार होने की मीडिया रिपोर्टों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि यह रिपोर्ट न केवल निराधार और ग़लत है, बल्कि नीति निर्माण को प्रभावित करने के लिए इसमें आँकड़ों की अत्यधिक हेरफेर भी है, क्योंकि सरकार ई-कॉमर्स नियमों और नीति को लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने आज एक बयान में कहा की ऐसे समय में जब सरकार ई कॉमर्स नियम एवं पालिसी को लागू करने के लिए तत्पर है, ऐसे समय में यह रिपोर्ट सीधे तौर पर पालिसी को प्रभावित करने का एक कुत्सित प्रयास है ।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी. सी. भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में रेडसीर की एक रिपोर्ट में ऑनलाइन शॉपिंग के आंकड़ों में हेरफेर और बढ़ा-चढ़ाकर बताया है कि भारत में 14 मिलियन ऑनलाइन शॉपर्स 90,000 करोड़ का कारोबार करेंगे। इस गणना के अनुसार त्योहारी सीजन में प्रत्येक उपभोक्ता पर 65000 रुपये खर्च होने की संभावना है जो कि हास्यास्पद, मनमौजी और समझ से परे लगता है।
श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने आगे कहा कि भारत में लगभग 30 मिलियन ऑनलाइन शॉपर्स हैं, न कि 14 मिलियन, जैसा कि रेडसीर ने बताया है और अगर हम इन शॉपर्स द्वारा त्योहारी सीज़न में प्रति व्यक्ति 8000 रुपये खर्च करने का मान भी लें, तो भी यह आंकड़ा 24000 करोड़ को पार नहीं कर सकता है।दोनों नेताओं ने ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा इस प्रायोजित रिपोर्ट जिसके अप्रमाणित प्रयास हैं, की कड़ी आलोचना की है ।
भारतीय रिटेल व्यापार पर बोलते हुए, श्री भरतिया और श्री खंडेलवाल ने कहा कि इस त्योहारी सीजन में भारतीय उपभोक्ताओं द्वारा त्यौहारों सीजन में ख़रीदी से लगभग 3 लाख करोड़ रुपये के व्यापार का अनुमान है और इस गणना का आधार बहुत सरल है क्योंकि भारत में ऑफ़लाइन खुदरा बिक्री के लिए लगभग 60 करोड़ उपभोक्ता हैं और अगर हम प्रति व्यक्ति 5000 खर्च आंकें तो 3 लाख करोड़ का आँकड़ा बेहद आसानी से प्राप्त किया जा सकता है ।
श्री भरतिया एवं श्री खंडेलवाल ने आगे कहा कि अब लोग कोविड संकट को पूरी तरह से पीछे छोड़ चुके हैं और अपने जीवन के प्रति बेहद सकारात्मक दृष्टिकोण रख रहे हैं, वे त्योहारी सीजन को उत्सव और समृद्धि के साथ मनाना चाहते हैं। घरेलू सामान, उपकरण, उपहार, कपड़े, आभूषण, नकली आभूषण, बर्तन, सजावटी सामान, फर्नीचर और फिक्स्चर, बरतन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल, मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर और बाह्य उपकरणों, बिजली के सामान, मिठाई और नमकीन कॉन्फ़ेक्शनरी, फल आदि में बड़े पैमाने पर उपभोक्ताओं द्वारा खर्च किया जाएगा।